Contact, WhatsApp, +917860757505 चलते हैं दबे पाँव कोई जाग न जाये ग़ुलामी के असीरों की यही ख़ास अदा है होती नहीं जो क़ौम हक़ बात पे यकजा उस क़ौम का हाकिम ही बस उनकी सज़ा है