दूर रह कर ही आपको एहसास होता है कि आप अपने शहर से कितना दूर हो गए हो। दूसरे शहर में आप अपने शहर वालो से अगर मिलते हो तो आपको वो इन्सान अपने परिवार की तरह लगने लगता है बस कुछ यादें है अपने शहर से जुड़ी हुई जिनको में समेट कर रखना चाहता हूं